खेती से जुड़े कई ऐसे मसले होते हैं, जिन्हें समझने के लिए सवाल उठाना जरूरी होता है और इन्हीं सवालों के जवाब में वे समाधान निकलते हैं, जिनके जरिये किसान अपनी समस्याओं को पीछे छोड़ सफलता की राह पर निकल पड़ता है। इसी सोच के कारण महीने के एक रविवार मंडी डॉट कॉम में पूरा एपिसोड पैनल चर्चा का होता है, जिसमें दो विषय विशेषज्ञ एक कार्यक्रम संचालक के साथ किसी एक विषय पर बारीकी से बातचीत करते हैं।
Mandi.com: पैनल चर्चा - Episode 273
आम बजट में कृषि क्षेत्र के लिए संभावित घोषणाओं पर कृषि विशेषज्ञ डॉ. जगवीर रावत और NAAFM के हेड ऑफ एग्री बिजनेस मैनेजमेंट डॉ. रणजीत कुमार के साथ परिचर्चा
कृषि सुधार कानूनों के लागू होने के बाद पहली बार एक एफपीसी ने एक बड़े कॉरपोरेट के साथ 1000 टन सोना मसूरी धान खरीदने का सौदा किया है और वह भी एमएसपी से 100 रुपये ऊपर। कर्नाटक में रायचुर जिले के स्वास्थ्य एफपीसी के सीईओ और डायरेक्टर के साथ हमने इस डील और इससे जुड़ी आशंकाओं पर की यह विस्तृत बातचीत...
कृषि सुधार कानूनों के विरोध में सबसे बड़ा आरोप यह लगाया जा रहा है कि एपीएमसी मंडियां बंद हो जाएंगी। सच क्या है? यही समझने के लिए हमने बात की एपीएमसी मंडियों का नियमन करने वाले राज्य मार्केटिंग बोर्ड के काउंसिल के प्रबंध निदेशक डॉ. जगबीर सिंह यादव से...
कृषि सुधार कानूनों का किसान और किसान उत्पादक संगठनों के कामकाज पर कितना और क्या असर हो रहा है, जानने-समझने के लिए हमने बात की एक्सेस डेवलपमेंट सर्विसेज के वीपी सुरेंद्र वर्डिया और गुजरात के अंजार एफपीसी के नयन मोयत्रा से...
कृषि सुधार कानूनों का जमीन पर क्या असर दिख रहा है, जानने के लिए हमने बात की भोपाल से मध्य भारत एफपीसी कंसोर्शियम के सीईओ योगेश द्विवेदी और चेचट से शरणागति एफपीसी के बालमुकुंद बैरागी से...
कृषि सुधार कानूनों पर जारी गतिरोध और किसान आंदोलनों के बीच विरोध प्रदर्शनों के विरोधाभाष और आगे के रास्ते पर जानेमाने कृषि अर्थशास्त्री डॉ अशोक गुलाटी के साथ विस्तृत बातचीत...
NCDEX के एमडी और सीईओ विजय कुमार के साथ किसानों के लिए लॉन्च किए गये ऑप्शन प्रोडक्ट की पूरी जानकारी और वायदा बाजार से किसानों को फायदे पर विस्तृत बातचीत
विश्व निवेशक सप्ताह के मौके पर किसानों में वायदा बाजार के प्रति जागरूकता पैदा करने पर समर्पित विशेषांक जिसमें चर्चा कर रहे हैं पुणे से किसान उत्पादक संगठनों की कृषि विपणन में मदद करने वाले दीपक चौहान और बुलढाणा से जय सरदार एफपीसी के प्रोग्राम डायरेक्टर आशीष नाफडे।
अनिवार्य वस्तु अधिनियम में संशोधन से वेयरहाउसिंह सेक्टर पर क्या होगा असर, इसी पर चर्चा देखिए एनईआरएल के एमडी और सीईओ केदार देशपांडे और एग्री बाजार के एमडी अमित मुंडावाला के साथ।
एरोमैटिक पौधों की खेती की तकनीकी पेचीदगियों और उनके वाणिज्यिक अवसरों पर एक परिचर्चा सीमैप (लखनऊ) के पूर्व निदेशक डॉ अब्दुल समद और कृषि उद्ममी और किसान समीर चड्ढा के साथ...
जैसे-जैसे किसानों में जागरूकता बढ़ती जा रही है, और किसानों के लिए फाइनेंसिंग की राह पहले से ज्यादा आसान होती जा रही है, वैसे-वैसे खेती में तकनीक का इस्तेमाल भी हर स्तर पर बढ़ता जा रहा है। लागत कम करने और उत्पादन बढ़ाने के लिए कई तरह की तकनीकों का इस्तेमाल होने लगा है। इन्हीं तकनीकों में से एक है संरक्षित खेती (Protected Farming), जिस पर हमने चर्चा की किसान और एग्री आंत्रप्रेन्योर शशांक भट्ट (Shashank Bhatt) और प्रगतिशील किसान नीरज ढांडा (Neeraj Dhanda) से
कृषि सुधार कानूनों पर मंडी डॉट कॉम की चर्चा शृंखला में हमने बात की दो किसान उत्पादक संगठन समूहों के प्रतिनिधियों से। मध्य प्रदेश की 112 एफपीसी का प्रतिनिधित्व करने वाले मध्य भारत एफपीओ कंसोर्शियम के सीईओ योगेश द्विवेदी और पंजाब-हरियाणा के 70 एफपीओ का प्रतिनिधित्व करने वाले नार्दर्न एफपीओ ग्रुप के डायरेक्टर पुनीत ठिंड से हुई इस चर्चा में हमने जानना चाहा कि किसान इन कानूनों के बारे में क्या सोचते हैं।
कृषि सुधारों (Agri Reforms) पर लाए गये तीनों अध्यादेश कानून बन चुके हैं, लेकिन पंजाब और हरियाणा से शुरू हुआ किसानों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा। कांग्रेस पार्टी ने इन कानूनों के खिलाफ देशव्यापी मोर्चा खोल दिया है। और इन सब को देख कर आम किसान के मन में कई नए संदेह पैदा हो गये हैं। इन संदेहों का निराकरण करने के लिए मंडी डॉट कॉम ने बातचीत की जाने वाले कृषि अर्थशास्त्री डॉ. अशोक गुलाटी (Dr. Ashok Gulati) सेः